कोटा के इतिहास में कैथून स्थित विभीषण मंदिर एक अनोखा अध्याय है इसकी कहानी पर संक्षेप में नजर डालते हैं:

विश्व का इकलौता मंदिर:-

किंवदंतियों के अनुसार ये मंदिर करीब 5000 साल पुराना है। ठोस सबूतों की कमी हो, फिर भी ये रावण के धर्मात्मा भाई विभीषण को समर्पित दुनिया का इकलौता मंदिर होने का गौरव रखता है। Where is vibhishana mandir 

दिव्य मुलाकात:-

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम के राज्याभिषेक के बाद भगवान शिव ने धरती पर घूमने की इच्छा जताई। अपनी भक्ति के लिए विख्यात विभीषण ने उन्हें और हनुमान जी को पालकी में बिठाकर ले जाने का निश्चय किया। कहा जाता है कि मंदिर उसी स्थान पर बना है जहां ये मुलाकात हुई थी, जो कि कोटा से करीब 16 किलोमीटर दूर कैथून में है।

रहस्यमयी प्रतिमा:-

विभीषण की मुख्य प्रतिमा के बारे में एक दिलचस्प किंवदंती है। श्रद्धालुओं का दावा है कि ये प्रतिमा हर साल जौ के दाने भर जमीन में धंसती जाती है। इस घटना का मतलब क्या है, ये एक रहस्य बना हुआ है।

जश्न का मेला:-

होली के दौरान ये मंदिर जीवंत हो उठता है। सात दिनों का मेला दूर-दूर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। गौरतलब है कि ज्यादातर जगहों के उलट, यहां होली के दूसरे दिन हिरण्यकश्यप का पुतला जलाया जाता है, जो एक अनोखी परंपरा है।

विभीषण मंदिर, विभीषण के चरित्र और कोटा की समृद्ध संस्कृति का प्रतीक है। कहानियां चाहे सच हों या प्रतीकात्मक, ये इस ऐतिहासिक स्थल को और भी आकर्षक बनाती हैं।

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